TOP LATEST FIVE BEST HINDI STORY URBAN NEWS

Top latest Five best hindi story Urban news

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एक गाँव में एक गरीब ब्राह्मण रहता था। ब्राह्मण अनपढ़ था इसलिए वह कोई काम नहीं कर सकता था। एक दिन ब्राह्मण की पत्नी ने उसे राजा के पास अपनी समस्या ले कर जाने की सलाह दी। ब्राह्मण ने राजा के पास जा कर उसे आशीर्वाद दिया। राजा ने ब्राह्मण से खुश हो कर एक पर्ची दी और उस पर्ची को खजांची के पास ले जा कर अपना इनाम लेने को कहा। ब्राह्मण बहुत खुश हुआ। वह अक्सर राजा के पास आने लगा।

गर्मी के दिन थे। बादशाह ने उसी फाल्गुन में सलीमा से नई शादी की थी। सल्तनत के सब झंझटों से दूर रहकर नई दुलहिन के साथ प्रेम और आनंद की कलोलें करने, वह सलीमा को लेकर कश्मीर के दौलतख़ाने में चले आए थे। रात दूध में नहा रही थी। दूर के पहाड़ों की चोटियाँ चतुरसेन शास्त्री

सुरीली सोच में पड़ गई , इतनी तेज बारिश में खाना कहां से लाऊंगी। मगर खाना नहीं लाया तो बच्चों का भूख कैसे शांत होगा। काफी देर सोचने के बाद सुरीली ने एक लंबी उड़ान भरी और पंडित जी के घर पहुंच गई।

पास ही वैद्यराज का घर था। वह संत को देख रहे थे। वैद्यराज दौड़ते हुए आए। उन्होंने बिच्छू को एक डंडे के सहारे दूर फेंक दिया।

मोरल – लक्ष्य कितना भी बड़ा हो निरंतर संघर्ष करने से अवश्य प्राप्त होता है।

केवल पांडे आधी नदी पार कर चुके थे। घाट के ऊपर के पाट मे अब, उतरते चातुर्मास में, सिर्फ़ घुटनों तक पानी है, हालाँकि फिर भी अच्छा-ख़ासा वेग है धारा में। एकाएक ही मन मे आया कि संध्याकाल के सूर्यदेवता को नमस्कार करें, किंतु जलांजलि छोड़ने के लिए पूर्वाभिमुख शैलेश मटियानी

दादा जी ने देखा दोनों बिल्ली के बच्चे भूखे थे। दादा जी ने उन दोनों बिल्ली के बच्चों को खाना खिलाया और एक एक कटोरी दूध पिलाई। अब बिल्ली की भूख शांत हो गई। वह दोनों आपस में खेलने लगे। इसे देखकर ढोलू-मोलू बोले बिल्ली बच गई दादाजी ने ढोलू-मोलू को शाबाशी दी।

कालिया ने शेरू को रोटी खाता हुआ देख जोर से झटका और रोटी लेकर भाग गया।

वह गाय इतनी प्यारी थी, मोती को देखकर बहुत खुश हो जाती ।

एक झोंपड़े के द्वार पर बाप और बेटा दोनों get more info एक बुझे हुए अलाव के सामने चुपचाप बैठे हुए थे और अंदर बेटे की जवान बीवी बुधिया प्रसव-वेदना में पछाड़ खा रही थी। रह-रहकर उसके मुँह से ऐसी दिल हिला देने वाली आवाज़ निकलती थी, कि दोनों कलेजा थाम लेते थे। जाड़ों प्रेमचंद

नैतिक शिक्षा – मेहनत करने से कोई कार्य असम्भव नहीं होता।

The poet employs a unique combination of philosophical insights, vivid imagery, and rhythmic verses to produce a perform that resonates with audience, making this a timeless and celebrated bit of Hindi literature. The poem has attained prevalent acclaim for its depth, common themes, and the lyrical splendor of its verses, establishing Harivansh Rai Bachchan as One of the more influential poets in Indian literature.

एक दिन राजा के नौकर ने ब्राह्मण से बक्शीश मांगी। ब्राह्मण कोई जवाब दिए बिना वहां से चला गया। नौकर ने ब्राह्मण को सबक सिखाने की ठानी। अगले दिन नौकर ने ब्राह्मण से कहा की राजा तुम से नाराज हैं क्योंकि उन्हें तुम्हारे मुँह से दुर्गन्ध आती है। ब्राह्मण घबरा गया और अगली बार राजा से मिलने अपने नाक मुँह पर कपड़ा रख कर गया।

लेकिन ख़ुद सोचें कि क्या इसी कहानी में यह वाक्य कमतर था :

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